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बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण 2020 - Homeopathic Medicine And Treatment

हेलो दोस्तों मै आपको इस पोस्ट बताउगा बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण के बारे में।  अगर आप इस दवाई के बारे में जानकारी जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढ़े क्यों आपको पूरा जानकारी दिया जायेगा बेलाडोना ( Belladonna ) के बारे में। तो चलिए बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण के बारे में हमलोग जानते है की किया किया है बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण। 

बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण 















व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग की प्रकृति 





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(1) शोथ तथा ज्वर में भयंकर उत्ताप, रक्तिमा तथा बेहद जलन 

(2) रक्त-संचय की अधिकता तथा सिर दर्द, प्रलाप, पागलपन 

(3) दर्द एकदम आता है और एकदम ही चला जाता है। 

(4) रोग का प्रचंड तथा एकाएक रूप में आना 

(5) प्रकाश, शोर, स्पर्श सहन न कर सकना 

(6) मूत्राशय की उत्तेजितावस्था 

(7) असहिष्णु-जरायु से रक्तस्राव 

(8) हिलने-डुलने, शीत, स्पर्शादि से रोग-वृद्धि 

(9) दाईं तरफ प्रभाव करनेवाली औषधि है। 

(10) दोपहर 3 बजे से रात तक रोग-वृद्धि 

लक्षणों में कमी 

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(I) हल्का ओढ़ना पसन्द करना 

(ii) बिस्तर में विश्राम पसन्द 

(iii) गर्म घर में सोना पसन्द 

लक्षणों में वृद्धि 


(I) छूने से, गंध से, शब्द से 

(ii) वायु की झोंकें से वृद्धि 

(iii) हिलने-डोलने से वृद्धि 

(iv) दिन के 3 बजे से रात तक वृद्धि 

(v) सूर्य की गर्मी से रोग-वृद्धि 

(vi) बाल कटवाने से रोग-वृद्धि 

(1) शोथ तथा ज्वर में भयंकर उत्ताप, रक्तिमा तथा बेहद जलन – बेलाडोना के शोथ में उत्ताप, रक्तिमा तथा बेहद जलन इसके विशिष्ट लक्षण है। इन तीनों की स्थिति निम्न है: 

भयंकर उत्ताप – फेफड़े, मस्तिष्क, जिगर, अंतड़ियों अथवा किसी अन्य अंग में शोथ हो तो भयंकर उत्ताप मौजूद होता है। इस रोगी की त्वचा पर हाथ रखा जाय, तो एकदम हटा लेना पड़ता है क्योंकि त्वचा में भयंकर गर्मी होती है। इतनी भयंकर गर्मी के हाथ हटा लेने के बाद भी कुछ समय तक गर्मी की याद बनी रहती है। रोगी के किसी अंग में भी शोथ क्यों न हो, उसे छूने से भयंकर उत्ताप का अनुभव होता है। 

टाइफॉयड के उत्ताप में बेलाडोना न दे – टाइफॉयड में अगर इस प्रकार का उत्ताप मौजूद भी हो, तो भी उसमें बेलाडोना कभी नहीं देना चाहिये। इसका कारण यह है कि औषधि की गति तथा रोग की गति में सम-रसता होना आवश्यक है। बेलाडोना की शिकायतें यकायक, एकदम, बड़े वेग से आती हैं और यकायक ही चली भी जाती हैं। टाइफॉयड यकायक नहीं आता, धीरे-धीरे आता है और धीरे-धीरे जाता है। बेलाडोना की गति और टाइफॉयड की गति में सम-रसता नहीं है, इसलिये इसमें बेलाडोना देने से रोग बढ़ सकता है, घट नहीं सकता। बेलाडोना उसी ज्वर में देना उचित है जिसमें ज्वर यकायक आये, धीमी गति से न आये। बेलाडोना में ताप होता है, बेहद ताप, भयंकर ताप। 

रक्तिमा – बेलाडोना के शोथ में दूसरा मुख्य-लक्षण रक्तिमा है। अंग के जिस स्थान पर शोथ हुआ है, वह बेहद लाल दिखाई देता है। लालिमा के बाद इसका रंग हल्का पड़ सकता है, कुछ काला पड़ सकता है, ऐसा भी हो सकता है कि विशेष रूप से पहचाना न जाय परन्तु शुरू में चमकीला लाल होता है। शरीर की गांठों में शोथ होगी तो वह भी लाल रंग की, गला पकेगा तो लाल रंग जैसा, ऐसा जैसे अंगारा हो, फिर उसका रंग फीका पड़ सकता है, परन्तु शुरू में देखते ही लाल रंग होता है। 

बेहद जलन – बेलाडोना के शोथ में तीसरा मुख्य-लक्षण बेहद जलन है। शोथ में, ज्वर में, रक्त-संचय में, टांसिल में बेहद जलन होती है। इतना ही नहीं कि यह जलन हाथ से छूने से अनुभव की जाय, रोगी को अपने आप भी जलन महसूस होती है। उदरशोथ (Gastritis) में पेट में जलन होती है। इस प्रकार उत्ताप, रक्तिमा तथा जलन-ये तीनों बेलाडोना औषधि में मुख्य स्थान रखते हैं। 

उत्ताप, रक्तिमा, तथा जलन के लक्षणों में सूजन, आंख दुखना, डिसेन्ट्री, बवासीर तथा गठिया के रोग – यह हम कह चुके हैं कि बेलाडोना में तीन लक्षण आधारभूत हैं उत्ताप, रक्तिमा तथा जलन। इन तीन को ध्यान में रखते हुए यह बात आसानी से समझ आ जाती है कि शोथ, आँख दुखना, डिसेन्ट्री तथा बवासीर में इसकी कितनी उपयोगिता है। इनके अलावा जहां भी ये तीन लक्षण हों, वही बेलाडोना उपयोगी है। 

सूजन जिसमें उत्ताप, रक्तिमा और जलन हो – अगर किसी अंग में सूजन हो जाय, सूजन के स्थान को छुआ तक न जा सके – स्मरण रहे कि स्पर्श के लिये असहिष्णुता बेलाडोना औषधि का चरित्रगत-लक्षण है – दर्द हो, ऐसा अनुभव हो कि सूजन का स्थान फूट पड़ेगा, इसके साथ उस स्थान में गर्मी, लाली और जलन हो, तो बेलाडोना औषधि है, सूजन के विषय में स्मरण रखना चाहिये कि अगर सूजन के बाद सूजन पकने लगे तब बेलाडोना लाभ नहीं कर सकता, पकने से पहले की अवस्था तक ही इसकी सीमा है। 

आंख दुखना जिसमें उत्ताप, रतिमा और जलन हो – आंख में गर्मी, रक्तिमा और जलन जो बेलाडोना के लक्षण हैं, उनके मौजूद होने पर यह इसे ठीक कर देता है। आँख से पानी आना, रोशनी में आंख न खोल सकना, �


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